चित्रकार तूलिका उठाओ !
जैसा-जैसा कहूँ आज मैं वैसा चित्र बनाओ !
चित्रकार तूलिका उठाओ !
एक अँधेरा भग्न भवन हो ,
हर कोने में सूनापन हो ,
जिसमें इक दुखिया बैठी हो ,
नयन नीर नदिया बहती हो !
ऐ गुणीवर उसकी स्वासों से
करुणा जल बिखराओ !
चित्रकार तूलिका उठाओ !
तन पर फटी हुई हो सारी ,
गीली, अश्रु नीर से भारी ,
हाथों में हथकड़ी पड़ी हो ,
बेड़ी पैरों बीच अड़ी हो !
रह-रह दीर्घ श्वांस ले-लेकर
कहती हो, 'ऐ प्रभु आओ' !
चित्रकार तूलिका उठाओ !
चित्रकार फिर यह दिखलाना ,
सूने घर में ज्योति जगाना ,
चौंक अचानक पड़ना उसका ,
दौड़ अचानक पड़ना उसका !
मृदु मराल गति आते हँसते
मुरलीधर दिखलाओ !
चित्रकार तूलिका उठाओ !
किरण
चित्र गूगल से साभार
बड़ी मर्मस्पर्शी कविता है...
जवाब देंहटाएंचित्रकार के माध्यम से दुखी जीवन में आशा के संचार का अच्छा संदेश है.
bahut sunder rachna ..!!
जवाब देंहटाएंमृदु मराल गति आते हँसते
मुरलीधर दिखलाओ !
चित्रकार तूलिका उठाओ !
bhav vibhor karti rachna ...!!
चित्रकार फिर यह दिखलाना ,
जवाब देंहटाएंसूने घर में ज्योति जगाना ,
चौंक अचानक पड़ना उसका ,
दौड़ अचानक पड़ना उसका !
बहुत सुंदर....हृदयस्पर्शी भाव
चित्रकार फिर यह दिखलाना ,
जवाब देंहटाएंसूने घर में ज्योति जगाना
बहुत सुंदर भाव
एक आशा की किरण व्यक्ति को फिर से निराशा के अँधेरे से बहार खीच लती है | अच्छी रचना |
जवाब देंहटाएंकिरण जी ने एक और कविता में चित्रकार से कहा था कि चित्रकार दो चित्र बनाना ...चित्रों के माध्यम से विसंगतियों को दिखाने की क्षमता रखती यह रचना बहुत अच्छी लगी ... सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबहुत ह्रदय स्पर्शी रचना के लिए आभार |चित्रकार के माध्यम से मन की बात बखूबी बयान की है |
जवाब देंहटाएंआशा
एक अँधेरा भग्न भवन हो ,
जवाब देंहटाएंहर कोने में सूनापन हो ,
जिसमें इक दुखिया बैठी हो ,
नयन नीर नदिया बहती हो !
....बहुत मर्मस्पर्शी उत्क्रष्ट प्रस्तुति..आभार
गज़ब गज़ब गज़ब की भावाव्यक्ति है…………यही तो हर मन की आस है जाने कब पूरी होगी
जवाब देंहटाएंबहुत मर्मस्पर्शी नये प्रतीकों वाली सुन्दर रचना । बधाई ।
जवाब देंहटाएं"चित्रकार फिर यह दिखलाना ,
जवाब देंहटाएंसूने घर में ज्योति जगाना ,
चौंक अचानक पड़ना उसका ,
दौड़ अचानक पड़ना उसका !"
और फिर...
"मृदु मराल गति आते हँसते
मुरलीधर दिखलाओ !
चित्रकार तूलिका उठाओ !"
भावनाओं से ओतप्रोत....
चित्रकार फिर यह दिखलाना ,
जवाब देंहटाएंसूने घर में ज्योति जगाना ,
चौंक अचानक पड़ना उसका ,
दौड़ अचानक पड़ना उसका !
भावमय करते शब्द ।
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 24 - 05 - 2011
जवाब देंहटाएंको ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
साप्ताहिक काव्य मंच --- चर्चामंच