सोमवार, 28 मार्च 2011

क्षणिकायें-- ४


बीज में ही वृक्ष का अस्तित्व है ,
दीप की लौ में दहन का तत्व है ,
लघु नहीं है कोई भी कण सृष्टि का ,
निहित शिशु में ही महा व्यक्तित्व है !


चाँदनी रोती रही है रात भर ,
आँसुओं से भर उठा सारा जहाँ ,
पर न निष्ठुर चाँद का पिघला हृदय ,
है पुरुष पाषाण में ममता कहाँ !


देवता पर फूल ही चढ़ते सदा ,
पर बेचारी धूल का अस्तित्व क्या ,
भूल जाते उस समय यह बात वे ,
धूल से ही फूल को जीवन मिला !


किरण



15 टिप्‍पणियां:

  1. सभी क्षणिकाएं दिल को छू लेने वाली हैं.

    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. देवता पर फूल ही चढ़ते सदा ,
    पर बेचारी धूल का अस्तित्व क्या ,
    भूल जाते उस समय यह बात वे ,
    धूल से ही फूल को जीवन मिला !
    her kshanika me jivan hai

    जवाब देंहटाएं
  3. देवता पर फूल ही चढ़ते सदा ,
    पर बेचारी धूल का अस्तित्व क्या ,
    भूल जाते उस समय यह बात वे ,
    धूल से ही फूल को जीवन मिला !

    सभी क्षणिकायें बहुत सुन्दर और दिल को छू जाती हैं..

    जवाब देंहटाएं
  4. सारी क्षणिकाएं एक से बढ़कर एक हैं

    जवाब देंहटाएं
  5. निहित शिशु में ही महा व्यक्तित्व है !

    है पुरुष पाषाण में ममता कहाँ !

    बहुत ही अच्छी लगी ये क्षणिकाये |

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही सुन्‍दर एवं सशक्‍त भाव ...।

    जवाब देंहटाएं
  7. मुझे तृतीय वाली ज्यादा पसंद आई...
    धूल भी मिटटी का ही रूप है जो जीवन का स्रोत है..

    जवाब देंहटाएं
  8. "बीज में ही वृक्ष का अस्तित्व है "
    बहुत सशक्त अभिव्यक्ति |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  9. आपने मुझे पढ़ा इसके लिए ह्रदय से धन्यवाद ! पीछा करते करते यहाँ आयी तो मज़ा ही आ गया ! पूरा रसपान किया मैंने यहाँ ! :-) पहली क्षणिका पढ़ के William Wordsworth की वो बात याद आयी कि a child is the father of a man. मज़ा आया यहाँ आके. लौटूंगी दोबारा !

    जवाब देंहटाएं
  10. लघु नहीं है कोई भी कण सृष्टि का ,
    निहित शिशु में ही महा व्यक्तित्व है !

    सृष्टि का हर कण अपने आप में महत्त्वपूर्ण है और परिपूर्ण भी...
    इंसान है कि उसे नापने-तोलने में लगा रहता है...!!
    भाषा और भावों का उत्तम सम्मिश्रण...!!

    जवाब देंहटाएं
  11. देवता पर फूल ही चढ़ते सदा ,
    पर बेचारी धूल का अस्तित्व क्या ,
    भूल जाते उस समय यह बात वे ,
    धूल से ही फूल को जीवन मिला !

    लाजवाब लाजवाब लाजवाब.

    जवाब देंहटाएं