प्रियतम तव दर्शन आशा से
खोले हृदय कुटी के द्वार ,
सोच रही थी कब वे आवें
करूँ तभी मन भर मनुहार !
भरा हुआ उत्साह हृदय में
दर्श लालसा का उन्माद ,
उत्कण्ठा थी प्रति पल-पल पर
मन आँखों में वाद विवाद !
होती यह जिज्ञासा मन में
प्रिय भेंटेंगे पहले मुझसे ,
नयन बोल उट्ठे, "पागल मैं
देखूँगा पहले तुझसे !"
किन्तु रह गये नयन देखते
मन मंदिर प्रिय पहुंचे आज ,
हुआ प्रकाशित सूना मंदिर
बोल उठे वीणा के साज !
विस्मित हुए नयन प्रिय भीतर
कब पहुँचे कर हमको पार ,
हृदय कुटी के द्वारपाल से
झगड़ रहे थे बारम्बार !
किरण
bahut sundar rachna
जवाब देंहटाएंकिन्तु रह गये नयन देखते
जवाब देंहटाएंमन मंदिर प्रिय पहुंचे आज ,
हुआ प्रकाशित सूना मंदिर
बोल उठे वीणा के साज !
alankrit ras se purn rachna
मोहक शब्दों के द्वार पर
जवाब देंहटाएंप्रिय का स्वागत .... बहुत ही सुसंस्कृत भाव
waah bahut sunder rachna jo jhankrit, ullasit aur vismit kiye jati hai aur bar bar padhne ko udvelit bhi.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर भावमय करते शब्द ।
जवाब देंहटाएंहोती यह जिज्ञासा मन में
जवाब देंहटाएंप्रिय भेंटेंगे पहले मुझसे ,
नयन बोल उट्ठे, "पागल मैं
देखूँगा पहले तुझसे !"
बहुत ही सुन्दर सम्प्रेषण.....थोड़ा नटखट...थोड़ा इतराता हुआ प्रिय मिलन को बेचैन मन
वाह जी क्या बात हे प्रियतम को मनाने के लिये मन पागल सा हो गया हे, बहुत सुंदर धन्यवाद
जवाब देंहटाएंकिन्तु रह गये नयन देखते
जवाब देंहटाएंमन मंदिर प्रिय पहुंचे आज ,
हुआ प्रकाशित सूना मंदिर
बोल उठे वीणा के साज !
बहुत सुन्दर। प्रेमरस मे मन के भावों को बहुत सुन्दर शब्द दिये हैं बधाई साधना जी।
विस्मित हुए नयन प्रिय भीतर
जवाब देंहटाएंकब पहुँचे कर हमको पार ,
हृदय कुटी के द्वारपाल से
झगड़ रहे थे बारम्बार !
इस रचना की किन शब्दो मे तारीफ़ करूँ…………दो भाव समाहित है इस कविता मे और दोनो ही गज़ब्……………चाहे प्रियतम का प्रेम हो या कान्हा की प्रीत्।
किन्तु रह गये नयन देखते
जवाब देंहटाएंमन मंदिर प्रिय पहुंचे आज ,
हुआ प्रकाशित सूना मंदिर
बोल उठे वीणा के साज !
बहुत सुन्दर...कोमल भाव और कविता का प्रवाह अपने साथ बहा लेजाता है..आभार
होती यह जिज्ञासा मन में
जवाब देंहटाएंप्रिय भेंटेंगे पहले मुझसे ,
नयन बोल उट्ठे, "पागल मैं
देखूँगा पहले तुझसे !"
बहुत सुन्दर भाव...
सुन्दर भाव!!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर भावमय
जवाब देंहटाएंऐसा कमाल का लिखा है आपने कि पढ़ते समय एक बार भी ले बाधित नहीं हुआ और भाव तो सीधे मन तक पहुँच इसे आनद रस में डुबो गए..
जवाब देंहटाएंहोती यह जिज्ञासा मन में
जवाब देंहटाएंप्रिय भेंटेंगे पहले मुझसे ,
नयन बोल उट्ठे, "पागल मैं
देखूँगा पहले तुझसे !"
बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ ...भाव विभोर करने वाली रचना
"समस हिंदी" ब्लॉग की तरफ से सभी मित्रो और पाठको को
जवाब देंहटाएं"मेर्री क्रिसमस" की बहुत बहुत शुभकामनाये !
()”"”() ,*
( ‘o’ ) ,***
=(,,)=(”‘)<-***
(”"),,,(”") “**
Roses 4 u…
MERRY CHRISTMAS to U…
मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है
bhut hi sundar rachna...dil ko chu gayi..
जवाब देंहटाएंआपका ये गीत गुनगुनाने लायक है. बधाई.
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