बुधवार, 24 नवंबर 2010

पुण्य स्मरण - गुरु तेग बहादुर

माँ की डायरी से परम श्रद्धेय गुरू तेग बहादुर जी
को यह विनम्र एवं भावभीनी श्रद्धांजलि !

तेरे ऐसे रत्न हुए माँ जिनकी शोभा अनियारी,
तेरे ऐसे दीप जले माँ जिनकी शाश्वत उजियारी !

तव बगिया के वृक्ष निराले, अमिट सुखद जिनकी छाया,
ऐसे राग बनाए तूने जिन्हें विश्व भर ने गाया !

तेरे ताल, सरोवर, निर्झर शीतल, निर्मल नीर भरे,
तेरे लाल लाड़ले ऐसे जिन पर दुनिया गर्व करे !

रत्न खान पंजाब भूमि ने ऐसा दीप्त रत्न पाया,
जिसके सद्गुण की आभा से जग आलोकित हो आया !

आनंदपुर ने दीप सँजोया जिसकी ज्योति जली अवदात,
वर्ष तीन सौ बीत चुके पर स्वयम् प्रकाशित है दिन रात !

ऐसा वह वटवृक्ष निराला जिसकी छाया सुखदायी !
सिसक रही मानवता उसके आँचल में जा मुस्काई !

पंच महानद की लहरों से ऐसा गूँजा अद्भुत राग,
मृत जनजीवन के प्रति जागा मानव मन में नव अनुराग !

जिसने ज्ञान सरोवर में अवगाहन कर मन विमल किया,
धन्य लाल वह तेरा माँ जिसने सर देकर 'सी' न किया !

जिसने धर्म ध्वजा फहराई जिसने रक्खा माँ का मान,
दीन दुखी जन के रक्षण में जिसने प्राण किये कुर्बान !

दानवता अविचार मिटाने जिसकी तेग चली अविराम,
तेग बहादुर गुरू चरणों में अर्पित कोटि कोटि परनाम !


किरण

7 टिप्‍पणियां:

  1. तेग बहादुर गुरू के चरणो मे नमन्।

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  2. गुरु तेग बहादुर जी को नमन ..और कवित्तो हमेशा की तरह उत्कृष्ट है ..

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  3. गुरु तेग बहादुर को नमन .. bahut hi lajawaab shabdon mein guru charnon mein vandana है ....

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  4. गुरु तेग बहादुर जी को नमन......

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  5. "जिसने धर्म ध्वजा फहराई -----------गुरु चरणों में अर्पित
    कोटि कोटि परनाम "
    एक भावपूर्ण रचना |
    आशा

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  6. गुरु तेग बहादुर जी को नमन ..bahut sunder rachna.

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  7. दानवता अविचार मिटाने जिसकी तेग चली अविराम,
    तेग बहादुर गुरू चरणों में अर्पित कोटि कोटि परनाम !
    नमन!!!

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