साथी मेरी नाव न रोको !
चली जा रही अपने पथ पर
डग-मग बहती हिलती डुलती,
इस चंचल उत्फुल्ल सरित पर
इठलाती कुछ गाती चलती,
मेरी मंजिल दूर, देव मुझको
जाने दो, अब मत रोको !
साथी मेरी नाव न रोको !
सह न सकेगा यह उर यह सुख
हर न सकेगा प्राणों का दुःख,
मेरे जीवन के पथ पर सम
कैसा दुःख और कैसा प्रिय सुख,
मेरी अमर अश्रुओं की निधि
मत छीनो, मुझको मत रोको !
साथी मेरी नाव न रोको !
मैं बहती हूँ , बहने दो प्रिय
मैं सहती हूँ, सहने दो प्रिय,
मेरी भग्न हृदय कुटिया को
यदि सूना तुम छोड़ सको प्रिय,
तो जाओ, आबाद रहो तुम
मेरा शाश्वत पंथ न रोको !
साथी मेरी नाव न रोको !
किरण
मेरी अमर अश्रुओं की निधि
जवाब देंहटाएंमत छीनो, मुझको मत रोको !
साथी मेरी नाव न रोको !
साधना जी सही बात है कभी कभी इन आँसूओं से रिश्ता बनाना बहुत सकून देता है। बहुत अच्छी भावमय रचना है। शुभकामनायें।
ऐसी कवितायेँ ही मन में उतरती हैं ॥
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना....आभार.
जवाब देंहटाएंसाधना जी सही बात है
जवाब देंहटाएंनिराला अंदाज है....... आनंद आया पढ़कर.
सह न सकेगा यह उर यह सुख
जवाब देंहटाएंहर न सकेगा प्राणों का दुःख,
मेरे जीवन के पथ पर सम
कैसा दुःख और कैसा प्रिय सुख,
बहुत उम्दा रचना
http://veenakesur.blogspot.com/
मनोभावों से ओतप्रोत कविता बहुत सुंदर |
जवाब देंहटाएंआशा
मनोभावों का सुन्दर चित्रण्।
जवाब देंहटाएंश्रीमती ज्ञानवती सक्सेना "किरण" जी की सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंपढ़वाने के लिए आभार!
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आज दो दिन बाद नेट सही हो पाया है!
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शाम तक सभी के ब्लॉग पर
हाजिरी लगाने का इरादा है!
मैं बहती हूँ , बहने दो प्रिय
जवाब देंहटाएंमैं सहती हूँ, सहने दो प्रिय,
मेरी भग्न हृदय कुटिया को
यदि सूना तुम छोड़ सको प्रिय,
तो जाओ, आबाद रहो तुम
मेरा शाश्वत पंथ न रोको !
साथी मेरी नाव न रोको !
कितनी तड़प है इन पंक्तियों में ....एक एक शब्द मन पर असर कर्ता है ....बहुत भाव भीनी कविता
सह न सकेगा यह उर यह सुख
जवाब देंहटाएंहर न सकेगा प्राणों का दुःख,
मेरे जीवन के पथ पर सम
कैसा दुःख और कैसा प्रिय सुख,
पंत जी की याद आ गई! मैं नहीं चाहता चिर सुख, मैं नहीं चाहता चिर दुख।
बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
अलाउद्दीन के शासनकाल में सस्ता भारत-१, राजभाषा हिन्दी पर मनोज कुमार की प्रस्तुति, पधारें
bhut achhi or sundr prstuti bdhaayi ho . akhtar khan akela kota rasjthan
जवाब देंहटाएंबड़ी भावपूर्ण रचना.....
जवाब देंहटाएंआपकी कविताओं में महान कवयित्री महादेवी वर्मा जैसा तेज है . अति सुंदर भावाव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर एवं भावपूर्ण गीत|
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद|
ब्रह्माण्ड
बहुत ही सुंदर कविता
जवाब देंहटाएंअकविता के दौर में बड़े दिनों बाद पद्य के रस-गुणों, व्याकरण आदि को समर्पित कविता पढ़ी।
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