युग बदलता देख कवि तुम भी बदल दो भावनायें !
वेदना की ज्वाल जग में शान्ति का संदेश लाये ,
धधकती चिंता चिता बन राख जग में मुक्ति पाये ,
त्याग की दृढ़ भावना कवि हृदय की बहुमूल्य निधि हो ,
वज्र सा कर्तव्य पथ हो सुगम, दायें हाथ विधि हो ,
पा नया अवलंब पुष्पित पल्लवित हों कामनायें !
युग बदलता देख कवि तुम भी बदल दो भावनायें !
शून्य नभ में झिलमिलायें आश के स्वर्णिम सितारे ,
नयन सीपि के धवल मुक्ता दया करके पग पखारें ,
आपदाओं की लहरियों बीच पंकज सरसरायें ,
खिल उठें कवि हृदय, हों सुकुमार सुख की लालसायें ,
नित्य पलटें पृष्ठ जीवन का नया कवि कल्पनायें !
युग बदलता देख कवि तुम भी बदल दो भावनायें !
मधुर स्मृति गीत हर लें उर क्षतों की विषद् पीड़ा ,
अमर जीवन में विरह की एक होवे मिलन व्रीड़ा ,
जागरण की मधुर स्मृति स्वप्न में बन मूर्त आयें ,
विश्व की रंगीनियाँ उर पर न अब अधिकार पायें ,
दूर रह कर प्रिय करें स्वीकृत अकिंचन अर्चनायें !
युग बदलता देख कवि तुम भी बदल दो भावनायें !
किरण
एक सकारात्मक सोच लिए हुए सुन्दर कविता
जवाब देंहटाएंविश्व की रंगीनियाँ उर पर न अब अधिकार पायें ,
जवाब देंहटाएंदूर रह कर प्रिय करें स्वीकृत अकिंचन अर्चनायें !
युग बदलता देख कवि तुम भी बदल दो भावनायें !
bahut sunder panktiyan...!!
दूर रह कर प्रिय करें स्वीकृत अकिंचन अर्चनायें !
जवाब देंहटाएंयुग बदलता देख कवि तुम भी बदल दो भावनायें !
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बहुत भावप्रणव रचना!
युग बदलता देख कवि तुम भी बदल दो भावनायें !
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता - विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
शून्य नभ में झिलमिलायें आश के स्वर्णिम सितारे ,
जवाब देंहटाएंनयन सीपि के धवल मुक्ता दया करके पग पखारें ,
आपदाओं की लहरियों बीच पंकज सरसरायें ,
खिल उठें कवि हृदय, हों सुकुमार सुख की लालसायें ,
सकारात्मक सोच और बहुत अच्छा शब्द संयोजन
आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
जवाब देंहटाएंआज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र . (अब तो चवन्नी बराबर भी नहीं हमारी हैसियत)
शून्य नभ में झिलमिलायें आश के स्वर्णिम सितारे ,
जवाब देंहटाएंनयन सीपि के धवल मुक्ता दया करके पग पखारें ,
बेहतरीन शब्द रचना ।
बहुत सुन्दर सोच्।
जवाब देंहटाएंकवि हृदय की भावनाएं ही तो नहीं बदलतीं ... सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत भावप्रणव रचना|
जवाब देंहटाएंकविता क्या है , ह्रदय-समुद्र की गहराइयों के मंथन से निकला अमृत-कलश है.
जवाब देंहटाएंअद्भुद शब्द चयन और भाव पूर्ण रचना |
जवाब देंहटाएंआशा
दूर रह कर प्रिय करें स्वीकृत अकिंचन अर्चनायें !
जवाब देंहटाएंयुग बदलता देख कवि तुम भी बदल दो भावनायें !
बहुत खूबसूरत रचना |
बहुत खुबसूरत भावप्रवण रचना...
जवाब देंहटाएंआद किरण जी की लेखनी को नमन...
सादर...
सकारात्मक सोच दर्शाती रचना....
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