गुरुवार, 24 नवंबर 2011

गुरु तेग बहादुर

आज गुरु तेगबहादुर का जन्मदिवस है इस पुनीत अवसर पर आनंद उठाइये माँ की इस विशिष्ट श्रद्धांजलि का !

तेरे ऐसे रत्न हुए माँ जिनकी शोभा अनियारी ,
तेरे ऐसे दीप जले माँ जिनकी शाश्वत उजियारी !

तव बगिया के वृक्ष निराले अमिट सुखद जिनकी छाया ,
ऐसे राग बनाये तूने जिन्हें विश्व भर ने गाया !

तेरे ताल, सरोवर, निर्झर शीतल, निर्मल नीर भरे ,
तेरे लाल लाड़ले ऐसे जिन पर दुनिया गर्व करे !

रत्न खान पंजाब भूमि ने ऐसा दीप्त रत्न पाया ,
जिसके सद्गुण की आभा से जग आलोकित हो आया !

आनंदपुर ने दीप सँजोया जिसकी ज्योति जली अवदात ,
वर्ष तीन सौ बीत चुके पर स्वयम् प्रकाशित है दिन रात !

ऐसा वह वटवृक्ष निराला जिसकी छाया सुखदायी ,
सिसक रही मानवता उसके आँचल में जा मुस्काई !

पञ्च महानद की लहरों से ऐसा गूँजा अद्भुत राग ,
मृत जन जीवन के प्रति जागा मानव मन में नव अनुराग !

जिसने ज्ञान सरोवर में अवगाहन कर मन विमल किया ,
धन्य लाल वह तेरा माँ जिसने सिर देकर सी न किया !

जिसने धर्म ध्वजा फहराई जिसने रक्खा माँ का मान ,
दीन दुखी जन के रक्षण में जिसने प्राण किये कुरबान !

दानवता, अविचार मिटाने जिसकी तेग चली अविराम ,
उन गुरु तेग बहादुर के चरणों में अर्पित कोटि प्रणाम !


किरण

8 टिप्‍पणियां:

  1. पाठक गण परनाम, सुन्दर प्रस्तुति बांचिये ||
    घूमो सुबहो-शाम, उत्तम चर्चा मंच पर ||

    शुक्रवारीय चर्चा-मंच ||

    charchamanch.blogspot.com

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  2. बहुत बहुत आभार अपनी आ. माताजी के रचना संसार की सैर कराने के लिए

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  3. गुरु तेग बहादुर जी को सादर नमन |
    बहुत अच्छी प्रस्तुति |
    आशा

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  4. कल 26/11/2011को आपकी किसी पोस्टकी हलचल नयी पुरानी हलचल पर हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  5. आनंदपुर ने दीप सँजोया जिसकी ज्योति जली अवदात ,
    वर्ष तीन सौ बीत चुके पर स्वयम् प्रकाशित है दिन रात !


    गुरु तेग बहादुर जी को सादर नमन
    सुन्दर प्रस्तुति...
    सादर...

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