रविवार, 28 अगस्त 2011

यह मेरी भारत माता है


अन्ना के आह्वान पर भारत की जनता का बारह दिनों तक अहर्निश चलने वाला ऐतिहासिक आंदोलन और आशा निराशा, विश्वास अविश्वास और आश्वासन एवं विश्वासघात के प्रहारों से हर पल जर्जर होने के स्थान पर और सुदृढ़ होती जनता की देशभक्ति ने गर्व से हर भारतीय का सीना चौड़ा कर दिया है ! आज जीत की इस शुभ बेला में अपनी माँ की बेहद खूबसूरत कविता प्रस्तुत कर रही हूँ जिसे आप तक पहुँचाने के लिये मैं उचित अवसर की तलाश में थी कि पाठक इस कविता का आनंद उठाने के लिये मानसिक रूप से भी तैयार हों ! और आज जैसी विजय मिली है उससे बढ़ कर और सुअवसर क्या होगा ! तो लीजिए इसका आनंद उठाइये !


यह मेरी भारतमाता है

शीर्ष मुकुट कंचनजंगा का, कमर मेखला विन्ध्याचल की ,
जिसके पावन युगल चरण पर सागर अर्ध्य चढ़ाता है !
यह मेरी भारतमाता है !

अमृत पय गंगा जमुना का, सरयु, गोमती, वेदवती ,
चम्बल, रेवा, क्षिप्रा का जल नित स्नान कराता है !
तरला यह भारतमाता है !

सुजल नर्मदा और गोदावरी, महानदी, कृष्णा, कावेरी ,
बृह्मपुत्र का विमल नीर हर तन की प्यास बुझाता है !
सुजला यह भारतमाता है !

इसकी वन संपदा अपरिमित, सुमधुर फल, फूलों से सुरभित ,
हरी चूनरी लहरा माँ की मलय पवन इतराता है !
सुफला यह भारतमाता है !

उज्ज्वल खनिज रत्न अनियारे, हीरा, पन्ना, मोती प्यारे ,
जिनकी झिलमिल विमल कांति से अन्धकार घबराता है !
सुखदा यह भारतमाता है !

वीर शिवा, राणा प्रताप से भगत सिंह और बाल, पाल से ,
लाल निछावर हुए अनेकों, गुण जिनके जग गाता है !
यशदा यह भारतमाता है !

सीता, सावित्री, मैत्रेयी, पन्ना, लक्ष्मी, माँ कैकेयी ,
त्यागी बलिदानी नारी की खान यही सुखदाता है !
वरदा यह भारतमाता है !

इसके दीपक अमरज्योति से कलि मल हर ज्योतित जग करते ,
सिंहवाहिनी, मोक्षदायिनी अभिनव जीवनदाता है !
शुभदा यह भारतमाता है !

आओ इसके बलि-बलि जायें, आरति उतारें, पुष्प चढायें ,
गरिमामय मूरत पर इसकी बलिहारी जग जाता है !
सरला यह भारतमाता है !


किरण




17 टिप्‍पणियां:

  1. वाह साधना जी बहुत ही सुन्दर और देशभक्ति से ओत-प्रोत गीत पढवा दिया………हार्दिक आभार्।
    वन्दे मातरम्।

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  2. देश सुखद भविष्य की ओर अग्रसर हो।

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  3. सुन्दर रचना है.भारत माता की जय.

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  4. देश भक्ति पूर्ण रचना |बहुत अच्छी लगी |आशा

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  5. आओ इसके बलि-बलि जायें, आरति उतारें, पुष्प चढायें ,
    गरिमामय मूरत पर इसकी बलिहारी जग जाता है !
    सरला यह भारतमाता है !
    bahut sunder rachna...
    abhar

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  6. भारत माता के लिए बहुत सुन्दर गीत ... ऐसी रचनाओं पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती ..बस पढ़ कर आनंदित हुआ जाता है ..

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  7. इस रचना की तारीफ़ करना सूरज को दीये दिखाने के समान है। इसके लिए अवसर की तलाश क्या ... यह तो हर अवसर की कविता है।
    भारत माता की जय!

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  8. बहुत सुंदर गीत लिखे माताजी ने हमेशा ही … सरस्वती की ऐसी असीम कृपा लाखों में किसी एक को ही मिला करती है …

    शत शत नमन !

    ************************************************

    भ्रष्टाचारियों और तानाशाहों से मुक्ति पाने के लिए
    अब लगातार यह याद रखना है ,
    और संपर्क में आने वाले हर शख़्स को निरंतर याद दिलाते रहना है ,
    प्रेरित करते रहना है कि चुनाव के वक़्त सही आदमी को वोट देना है …
    और
    मतदान आवश्यक कार्य मानते हुए पूरे दायित्व तथा समझ के साथ
    सही व्यक्ति/सही पार्टी को वोट देना है !


    अन्यथा अन्ना की दिलाई इस विजय को मिट्टी में मिलाने के दोषी आप-हम ही होंगे …
    ************************************************

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  9. बहुत ही सुन्दर देश भक्ति से ओत-प्रोत प्यारा सा गीत पढवाने का शुक्रिया

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  10. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी की गई है! यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।

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  11. इस सुंदर देशभक्तिपूर्ण रचना के लिए बहुत-बहुत ,आभार/शुक्रिया

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  12. बहुत ही सुन्दर देश भक्ति गीत पढवाने का शुक्रिया

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  13. शीर्ष मुकुट कंचनजंगा का, कमर मेखला विन्ध्याचल की ,
    जिसके पावन युगल चरण पर सागर अर्ध्य चढ़ाता है !
    यह मेरी भारतमाता है !

    Awesome !

    Great creation !

    .

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  14. क्या भारत माता को समर्पित ये कविता माताजी के अन्दर भरे देश प्रेम को नहीं दर्शा रही है. ये वो मन है जिसने देश की गुलामी से आजादी तक के सफर को तय किया था. आपको बहुत बहुत धन्यवाद ऐसी कविता पढ़ाने के लिए.

    आपके वर्तमान खाते (rekhasriva@gmail.com) को यह पृष्ठ देखने की पहुंच नहीं है.
    साधना जी,
    क्या प्रॉब्लम हैं नहीं पता और न ही खोजने का समय है. सो कमेन्ट मेल से भेज रही हूँ.

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  15. वाह ... माँ भारती का इतना सुन्दर वर्णन ...
    गहरे उतर गयी रचना ...

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  16. बहुत सुंदर..!!

    भारत माता की जय..!!!!!

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