चतुर चितेरे अंकित कर दे
माँ का ऐसा रूप महान् ,
चित्रपटी पर रच दे सुन्दर
नयन नीर, मुख पर मुस्कान !
संसृति के विशाल प्रांगण में
ऐसा अद्भुत तने वितान ,
विजयोत्सव का दशों दिशा में
गूँजे अविरल शाश्वत गान !
रचना मरकत का सिंहासन
कदलि खम्भ चहुँ ओर सजे ,
देव देहधारी मनुजों से
अमरावति का रूप लजे !
सित वसना सुन्दरी एक
दिखलाना सिंहासन आसीन ,
पीत कमल, मुख पर स्मित की
खिली हुई हो रेखा क्षीण !
चित्रकार उस महिमामयी पर
बीते हों जितने दुःख भार ,
क्षत-विक्षत वृणपूर्ण देह में
दिखलाना दृढ़ धैर्य अपार !
नव आगत सुख के स्वागत में
झंकृत उर तंत्री के तार ,
ढुलकाना स्निग्ध नयन से
उर का सारा संचित प्यार !
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
लहर-लहर लहराता हो ,
सत् रज तम तीनों भावों को
संसृति में फैलाता हो !
ध्वनि-प्रतिध्वनि होवे त्रिलोक में
भारत माँ का जय जयकार ,
ऐसा सुन्दर सत्य चित्र रच
बन जाओ गुण के आगार !
किरण
माँ का ऐसा रूप महान् ,
चित्रपटी पर रच दे सुन्दर
नयन नीर, मुख पर मुस्कान !
संसृति के विशाल प्रांगण में
ऐसा अद्भुत तने वितान ,
विजयोत्सव का दशों दिशा में
गूँजे अविरल शाश्वत गान !
रचना मरकत का सिंहासन
कदलि खम्भ चहुँ ओर सजे ,
देव देहधारी मनुजों से
अमरावति का रूप लजे !
सित वसना सुन्दरी एक
दिखलाना सिंहासन आसीन ,
पीत कमल, मुख पर स्मित की
खिली हुई हो रेखा क्षीण !
चित्रकार उस महिमामयी पर
बीते हों जितने दुःख भार ,
क्षत-विक्षत वृणपूर्ण देह में
दिखलाना दृढ़ धैर्य अपार !
नव आगत सुख के स्वागत में
झंकृत उर तंत्री के तार ,
ढुलकाना स्निग्ध नयन से
उर का सारा संचित प्यार !
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
लहर-लहर लहराता हो ,
सत् रज तम तीनों भावों को
संसृति में फैलाता हो !
ध्वनि-प्रतिध्वनि होवे त्रिलोक में
भारत माँ का जय जयकार ,
ऐसा सुन्दर सत्य चित्र रच
बन जाओ गुण के आगार !
किरण
bahut acchhi rachna. aabhar.
जवाब देंहटाएंमाँ का सुन्दर और भव्य स्वरूप।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंभारत माँ का जय जयकार !
बहुत ही खूबसूरत।
जवाब देंहटाएंसादर
बेहतरीन एवं अद्भुत प्रस्तुति ...!
जवाब देंहटाएंसुन्दर एवं सटीक शब्दों का चयन ..!
मेरी नई पोस्ट पे आपका स्वागत है ...!
सुन्दरतम!!!!!!
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंभरत माँ का सुन्दर- सलोना रूप दिखाती उत्कृष्ट रचना
जवाब देंहटाएंभारत मा का बहुत सुन्दर विवरण समेटे है यह कविता |
जवाब देंहटाएंआशा
चतुर चितेरे अंकित कर दे
जवाब देंहटाएंमाँ का ऐसा रूप महान् ,
चित्रपटी पर रच दे सुन्दर
नयन नीर, मुख पर मुस्कान
बहुत सुन्दर विवरण ,उत्कृष्ट रचना
बहुत ही खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंमन प्रसन्न हो जाता है ऐसी काव्य कृतियों को पढ़ कर। यहाँ सीखने के लिए काफी कुछ है।
जवाब देंहटाएंचित्रकार उस महिमामयी पर
जवाब देंहटाएंबीते हों जितने दुःख भार ,
क्षत-विक्षत वृणपूर्ण देह में
दिखलाना दृढ़ धैर्य अपार !
अति सुन्दर ....!!
दोनों माताओं को नमन ....
जवाब देंहटाएंआपका आभार !