सखे तुम्हारे उर प्रदेश में
जब स्मृति का ज्वार नहीं ,
मेरे इस दुखिया जीवन की
तुच्छ भेंट स्वीकार नहीं !
पागल उर में अरमानों का
साज सजा फिर क्या होगा ,
तिमिरावृत कुटिया में आशादीप
जला कर क्या होगा !
छल-छल करके नयन कटोरे
स्नेह वारि ढुलका देंगे ,
मधुर स्वप्न जब वियोगाग्नि को
और अधिक भड़का देंगे !
दूर बसे तुम, दूर तुम्हारी
स्मृति भी करनी होगी ,
अंतरतम की भग्न दीवालें
आहों से भरनी होंगी !
अब सुखियों की संसृति में
पागल जीवन का क्या होगा ,
हँसने वालों के जमघट में
रोते मन का क्या होगा !
धरा धराधर के अधरों में
मधुर मिलन मुस्कायेगा ,
सांध्य सुन्दरी का सुन्दर मुख
लज्जित हो झुक जायेगा !
तब मीठी सी याद किसी की
पीड़ा बन बस जायेगी ,
रजनी सी निर्जीव कालिमा
जीवन तट पर छायेगी !
तब हताश अस्ताचलगामी
चन्द्र बिम्ब का लख अवसाद ,
सखे कभी इस तुच्छ हृदय की
'भूले से कर लेना याद !'
किरण
आदरणीय साधना जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
....बहुत ही गहन एवं भावमय प्रस्तुति ।
तब हताश अस्ताचलगामी
जवाब देंहटाएंचन्द्र बिम्ब का लख अवसाद ,
सखे कभी इस तुच्छ हृदय की
'भूले से कर लेना याद
रिश्तों की संधि....... बहुत ही भावपूर्ण रचना अभिव्यक्ति ..
दूर बसे तुम, दूर तुम्हारी
जवाब देंहटाएंस्मृति भी करनी होगी ,
अंतरतम की भग्न दीवालें
आहों से भरनी होंगी !
बहुत ही मार्मिक रचना...मन की वेदना दर्शाती हुई
वाह! बेहद गहन अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंतब मीठी सी याद किसी की
जवाब देंहटाएंपीड़ा बन बस जायेगी ,
रजनी सी निर्जीव कालिमा
जीवन तट पर छायेगी !
waah, behad achhi
बहुत ही सुन्दर भावमय करते शब्द ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर शब्द चयन |एक भाव प्रधान रचना
जवाब देंहटाएंआशा
छल-छल करके नयन कटोरे
जवाब देंहटाएंस्नेह वारि ढुलका देंगे ,
मधुर स्वप्न जब वियोगाग्नि को
और अधिक भड़का देंगे !
वियोग का मार्मिक चित्रण ...
तब हताश अस्ताचलगामी
चन्द्र बिम्ब का लख अवसाद ,
सखे कभी इस तुच्छ हृदय की
'भूले से कर लेना याद !'
बहुत भाव भरी रचना ....
तब मीठी सी याद किसी की
जवाब देंहटाएंपीड़ा बन बस जायेगी ,
रजनी सी निर्जीव कालिमा
जीवन तट पर छायेगी !
बहुत खुब जी धन्यवाद
bhawnaon ka itna sunder sammilan.wah.
जवाब देंहटाएंadarniya sadhnaji,
जवाब देंहटाएंgahan evam sookshm bhavon ki sundar
prastuti prashansniy hai .
अब सुखियों की संसृति में
जवाब देंहटाएंपागल जीवन का क्या होगा ,
हँसने वालों के जमघट में
रोते मन का क्या होगा !
बहुत मर्मस्पर्शी.. भावों का प्रवाहमयी भाषा में अतिसुन्दर सम्प्रेषण..बहुत सुन्दर
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जवाब देंहटाएंतब हताश अस्ताचलगामी
जवाब देंहटाएंचन्द्र बिम्ब का लख अवसाद ,
सखे कभी इस तुच्छ हृदय की
'भूले से कर लेना याद !'
पढ़ कर भावुक हो गया दिल.बहुत ही हृदयस्पर्शी रचना
धरा धराधर के अधरों में
जवाब देंहटाएंमधुर मिलन मुस्कायेगा ,
सांध्य सुन्दरी का सुन्दर मुख
लज्जित हो झुक जायेगा !
तब मीठी सी याद किसी की
पीड़ा बन बस जायेगी ...
काव्य सरिता बह रही ... जैसे रस की धार बह रही हो ... बहुत ही कमाल की रचना है ... इन यादों की पीड़ा भी मधुर है जैसे ...