ओ आज़ादी के दीवानों, ओ स्वातंत्र्य युद्ध के वीरों ,
ओ रणचण्डी के खप्पर को भरने वाले रणवीरों !
देकर तन मन धन की आहुति जीवन यज्ञ रचाने वालों,
अपने दृढ़ निश्चय के दीपक , जला पंथ दिखलाने वालों !
बने नींव के पत्थर पल क्षण , अपनी भेंट चढ़ाने वालों ,
विजय दुर्ग की प्राचीरों को , दृढ़ करने वाले मतवालों !
ओ भारत के कोहिनूर , गाँधी बाबा तुमको प्रणाम ,
ओ अमर शहीदों भक्तिपूर्ण तुमको प्रणाम शतश: प्रणाम !
किरण
माँ की इस लेखनी में देश का सौभाग्य और संस्कार है .... उसी की पुकार आज भी है, ज़रूरत है
जवाब देंहटाएंगाँधी बाबा को प्रणाम !
जवाब देंहटाएंओ भारत के कोहेनूर , गाँधी बाबा तुमको प्रणाम ,
जवाब देंहटाएंओ अमर शहीदों भक्तिपूर्ण तुमको प्रणाम शतश: प्रणाम !
कोटिश प्रणाम ॥
गांधी जी को नमन ।
जवाब देंहटाएंमेरा भी शतशः प्रणाम..
जवाब देंहटाएंBapu ke baad aisee koyee hastee is desh me paida nahee huee jise ham shat shat pranam kar saken!
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति है कोहिनूर लिखें आइन्दा .
जवाब देंहटाएंओ भारत के कोहिनूर ------प्रणाम "
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रचना |
आशा
गांधी जयंती पर सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद वीरेन्द्र जी ! शब्द को सुधार दिया है ! आभार आपका !
जवाब देंहटाएंachchi prastuti.
जवाब देंहटाएं