रविवार, 29 अप्रैल 2012

परियों का प्यार

स्वर्गलोक से परियाँ आयीं किरण नसैनी से होकर ,
नन्हे पौधों को नहलाया ओस परी ने खुश होकर ! 

फूलपरी ने आ उन सबका फूलों से श्रृंगार किया ,
सोई  कली जगाईं, पलकें चूम बहुत सा प्यार दिया ! 

फिर  सुगंध की परियाँ कलसे भर-भर कर पराग लाईं ,
नन्हे पौधों को सौरभ की भर-भर प्याली पकड़ाईं !    

देख सूर्य का तेज लाज से सकुचा कर सब भाग गईं ,
खेल  खेलने फूलों के संग तितली भँवरे चले कई !

बच्चों पौधों जैसे यदि उपकारी तुम बन जाओगे ,
वीर जवाहर, बापू से बन जग में नाम कमाओगे ! 

तो यह ही सब परियाँ आकर तुम पर प्यार लुटायेंगी ,
जग में फूलों की सुगंध सी कीर्ति तुम्हारी गायेंगी ! 

नाम तुम्हारा अमर रहेगा सब तुमको दुलरायेंगे ,
'ये हैं सच्चे लाल हिंद के' , कह जन मन सुख पायेंगे ! 


किरण







17 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत खूबसूरत .... कितनी सुंदर कल्पना की ही ...

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही सुन्दर गीत, परियों का, किरणों का..

    जवाब देंहटाएं
  3. बच्चों पौधों जैसे यदि उपकारी तुम बन जाओगे ,
    वीर जवाहर, बापू से बन जग में नाम कमाओगे ! ... कितनी सरलता से किरण जी ने एक सीख दे दी , बिल्कुल परियों की तरह

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह.......
    बहुत सुंदर सुकोमल रचना.....

    सादर.

    जवाब देंहटाएं
  5. नाजुक अहसास समेटे उत्‍कृष्‍ट प्रस्‍तुति।

    जवाब देंहटाएं
  6. तो यह ही सब परियाँ आकर तुम पर प्यार लुटायेंगी ,
    जग में फूलों की सुगंध सी कीर्ति तुम्हारी गायेंगी !
    सुंदर....अति सुंदर....!!
    भाव संयोजन....शब्द संयोजन.....
    और भी न जाने क्या क्या...!!

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत भावपूर्ण और संदर रचना |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  8. देख सूर्य का तेज लाज से सकुचा कर सब भाग गईं ,
    खेल खेलने फूलों के संग तितली भँवरे चले कई ..

    बचपन कों खेलती सुन्दर भाव मय कविता ...

    जवाब देंहटाएं
  9. सबसे पहला गीत सुनाया
    मुझे सुलाते , अम्मा ने !
    थपकी दे दे कर बहलाते
    आंसू पोंछे , अम्मा ने !
    सुनते सुनते निंदिया आई,आँचल से निकले थे गीत !
    उन्हें आज तक भुला न पाया,बड़े मधुर थे मेरे गीत !

    आज तलक वो मद्धम स्वर
    कुछ याद दिलाये कानों में
    मीठी मीठी लोरी की धुन
    आज भी आये, कानों में !
    आज जब कभी नींद ना आये,कौन सुनाये मुझको गीत !
    काश कहीं से मना के लायें , मेरी माँ को , मेरे गीत !

    जवाब देंहटाएं
  10. .

    अम्मा जी की श्रेष्ठ रचनाओं की लड़ी के इस एक और मोती के लिए आभार !


    शुभकामनाओं सहित…
    -राजेन्द्र स्वर्णकार

    जवाब देंहटाएं