जहाँ से चले थे वहीं जा रहे हैं ,
न पूछो कि क्या-क्या लिये जा रहे हैं !
किसीकी खुशी का लुटा कारवाँ है ,
किसीके चमन पर बरसती खिज़ाँ है ,
ये दिल बेबसी से सिये जा रहे हैं ,
न पूछो कि क्या-क्या लिये जा रहे हैं !
यहाँ गम के नगमें सुनाएँ किसे हम ,
तड़पता हुआ दिल दिखायें किसे हम ,
हम आँखों के आँसू पिये जा रहे हैं ,
न पूछो कि क्या-क्या लिये जा रहे हैं !
किसीकी निगाहों में बेकार हैं हम ,
किसीकी तमन्ना से बेज़ार हैं हम ,
सिसकते हुए भी जिए जा रहे हैं ,
न पूछो कि क्या-क्या लिये जा रहे हैं !
मचलते रहें यूँ ना अरमाँ किसीके ,
बिखरते फिरें यूँ ना सामाँ किसीके ,
जियें वो दुआ हम दिये जा रहे हैं ,
न पूछो कि क्या-क्या लिये जा रहे हैं !
किरण
न पूछो कि क्या-क्या लिये जा रहे हैं !
किसीकी खुशी का लुटा कारवाँ है ,
किसीके चमन पर बरसती खिज़ाँ है ,
ये दिल बेबसी से सिये जा रहे हैं ,
न पूछो कि क्या-क्या लिये जा रहे हैं !
यहाँ गम के नगमें सुनाएँ किसे हम ,
तड़पता हुआ दिल दिखायें किसे हम ,
हम आँखों के आँसू पिये जा रहे हैं ,
न पूछो कि क्या-क्या लिये जा रहे हैं !
किसीकी निगाहों में बेकार हैं हम ,
किसीकी तमन्ना से बेज़ार हैं हम ,
सिसकते हुए भी जिए जा रहे हैं ,
न पूछो कि क्या-क्या लिये जा रहे हैं !
मचलते रहें यूँ ना अरमाँ किसीके ,
बिखरते फिरें यूँ ना सामाँ किसीके ,
जियें वो दुआ हम दिये जा रहे हैं ,
न पूछो कि क्या-क्या लिये जा रहे हैं !
किरण
मचलते रहें यूँ ना अरमाँ किसीके ,
जवाब देंहटाएंबिखरते फिरें यूँ ना सामाँ किसीके ,
जियें वो दुआ हम दिये जा रहे हैं ,
न पूछो कि क्या-क्या लिये जा रहे हैं !
बहुत खूबसूरत रचना
कितना कुछ बता जाती है यह रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत कुछ कह गयी यह रचना |
जवाब देंहटाएंआशा
यहाँ गम के नगमें सुनाएँ किसे हम ,
जवाब देंहटाएंतड़पता हुआ दिल दिखायें किसे हम ,
हम आँखों के आँसू पिये जा रहे हैं ,
न पूछो कि क्या-क्या लिये जा रहे हैं ...
वाह ... लाजवाब गीत है ... गुनगुनाने कों जी चाहता है ...