सोमवार, 6 फ़रवरी 2012

वसंतागमन











आज नयनों में जीवन है !

दर्शन कर उस प्राण सखा का
पुलकित तन मन है !

आज नयनों में जीवन है !

आज कुसुमित उर की डाली ,
आज प्रमुदित मन का माली ,
आया नव वसन्त आज
मुकुलित यह उपवन है !

आज नयनों में जीवन है !

भाव अंकुर हैं फूट चले ,
मधुप सौरभ हैं लूट चले ,
आज लुटाता मृदु पराग
मलयानिल क्षण-क्षण है !

आज नयनों में जीवन है !

रंगीली आशा की कलियाँ ,
कर रहीं खिल-खिल रंगरलियाँ ,
आया उनके देश पाहुना
वह तो जीवन धन है !

आज नयनों में जीवन है !


किरण

13 टिप्‍पणियां:

  1. आज कुसुमित उर की डाली ,
    आज प्रमुदित मन का माली ,

    मन के भावों को कितनी खूबसूरती से शब्दों में पिरोया है...
    पढ़कर मन एकदम वसंत वसंत हो गया..

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    1. Comment box nahee khul raha isliye yahan pe comment de rahee hun!
      Behad sundar rachanase ru-b-ru karaya hai aapne!

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  2. सचमुच नयनो में जीवन है... बहुत सुन्दर भाव ... सादर

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  3. aaj nayano me jeewan hai....dua hai yahi jeewan ummeed basti rahe sab ki aankho me.

    bahut acchhi prastuti.

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  4. वसंत आगमन पर सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति |
    आशा

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  5. शब्दलहरी सी भिगा गयी साहित्यिक आनन्द में..

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  6. भाव अंकुर हैं फूट चले ,
    मधुप सौरभ हैं लूट चले ,
    आज लुटाता मृदु पराग
    मलयानिल क्षण-क्षण है !

    आज नयनों में जीवन है !
    bahut hi badhiyaa

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  7. ्वाह …………बहुत सुन्दर भाव संयोजन …………उम्दा प्रस्तुति।

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  8. भाव अंकुर हैं फूट चले ,
    मधुप सौरभ हैं लूट चले ,
    आज लुटाता मृदु पराग
    मलयानिल क्षण-क्षण है ...

    sundar dhabd sanyojan ... bhaav liye madhur rachna hai ...

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  9. खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........

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  10. आज कुसुमित उर की डाली ,
    आज प्रमुदित मन का माली ,
    आया नव वसन्त आज
    मुकुलित यह उपवन है !

    आज नयनों में जीवन है !

    लो फिर बसंत आई.....

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  11. आज नयनों में जीवन है ...

    बेहतरीन भाव संयोजन ।

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