आज नयनों में जीवन है !
दर्शन कर उस प्राण सखा का
पुलकित तन मन है !
आज नयनों में जीवन है !
आज कुसुमित उर की डाली ,
आज प्रमुदित मन का माली ,
आया नव वसन्त आज
मुकुलित यह उपवन है !
आज नयनों में जीवन है !
भाव अंकुर हैं फूट चले ,
मधुप सौरभ हैं लूट चले ,
आज लुटाता मृदु पराग
मलयानिल क्षण-क्षण है !
आज नयनों में जीवन है !
रंगीली आशा की कलियाँ ,
कर रहीं खिल-खिल रंगरलियाँ ,
आया उनके देश पाहुना
वह तो जीवन धन है !
आज नयनों में जीवन है !
किरण
आज कुसुमित उर की डाली ,
जवाब देंहटाएंआज प्रमुदित मन का माली ,
मन के भावों को कितनी खूबसूरती से शब्दों में पिरोया है...
पढ़कर मन एकदम वसंत वसंत हो गया..
Comment box nahee khul raha isliye yahan pe comment de rahee hun!
हटाएंBehad sundar rachanase ru-b-ru karaya hai aapne!
सचमुच नयनो में जीवन है... बहुत सुन्दर भाव ... सादर
जवाब देंहटाएंaaj nayano me jeewan hai....dua hai yahi jeewan ummeed basti rahe sab ki aankho me.
जवाब देंहटाएंbahut acchhi prastuti.
वसंत आगमन पर सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंआशा
शब्दलहरी सी भिगा गयी साहित्यिक आनन्द में..
जवाब देंहटाएंभाव अंकुर हैं फूट चले ,
जवाब देंहटाएंमधुप सौरभ हैं लूट चले ,
आज लुटाता मृदु पराग
मलयानिल क्षण-क्षण है !
आज नयनों में जीवन है !
bahut hi badhiyaa
्वाह …………बहुत सुन्दर भाव संयोजन …………उम्दा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंभाव अंकुर हैं फूट चले ,
जवाब देंहटाएंमधुप सौरभ हैं लूट चले ,
आज लुटाता मृदु पराग
मलयानिल क्षण-क्षण है ...
sundar dhabd sanyojan ... bhaav liye madhur rachna hai ...
खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........
जवाब देंहटाएंआज कुसुमित उर की डाली ,
जवाब देंहटाएंआज प्रमुदित मन का माली ,
आया नव वसन्त आज
मुकुलित यह उपवन है !
आज नयनों में जीवन है !
लो फिर बसंत आई.....
आज नयनों में जीवन है ...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भाव संयोजन ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ..
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