सखी री नव वसन्त आया !
आदि पुरुष ने धरा वधू पर पिचकारी मारी ,
नीले पीले हरे रंग से रंग दी रे सारी ,
अरुण उषा से ले गुलाल मुखड़े पर बिखराया ,
वह सकुचाई संध्या के मिस अंग-अंग भरमाया !
सखी री नव वसन्त आया !
रति की चरणाकृति पाटल किंशुक मिस मुस्काई ,
वन-वन उपवन नगर डगर में सुषमा इठलाई ,
रंग बिरंगी कुसुम प्यालियों को ला फैलाया ,
चतुर चितेरा प्रकृति पटल पर चित्र सजा लाया !
सखी री नव वसन्त आया !
सरस्वती ने निज वीणा को फिर से झनकारा ,
कोकिल की मृदु स्वर लहरी से गूँजा जग सारा ,
राग बहार यहाँ पर आकर ऐसा बौराया ,
फीकी पड़ी कीर्ति तब जब कोकिल ने गाया !
सखी री नव वसन्त आया !
किरण
आदि पुरुष ने धरा वधू पर पिचकारी मारी ,
नीले पीले हरे रंग से रंग दी रे सारी ,
अरुण उषा से ले गुलाल मुखड़े पर बिखराया ,
वह सकुचाई संध्या के मिस अंग-अंग भरमाया !
सखी री नव वसन्त आया !
रति की चरणाकृति पाटल किंशुक मिस मुस्काई ,
वन-वन उपवन नगर डगर में सुषमा इठलाई ,
रंग बिरंगी कुसुम प्यालियों को ला फैलाया ,
चतुर चितेरा प्रकृति पटल पर चित्र सजा लाया !
सखी री नव वसन्त आया !
सरस्वती ने निज वीणा को फिर से झनकारा ,
कोकिल की मृदु स्वर लहरी से गूँजा जग सारा ,
राग बहार यहाँ पर आकर ऐसा बौराया ,
फीकी पड़ी कीर्ति तब जब कोकिल ने गाया !
सखी री नव वसन्त आया !
किरण
koyal ki rahtakti ...ab ...bahut sunder .... rachna ....
जवाब देंहटाएंBehad sundar rachana!
हटाएंबसंत और आपके भावों के रंग का संयोजन .... सबकुछ बासंती
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........
जवाब देंहटाएंबड़ी खिली-खिली सी कविता है...मन में उल्लास भर गयी.
जवाब देंहटाएंman basant ho gya.........
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ।
जवाब देंहटाएं----------------------------
कल 27/01/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
Bahut hi sundar basant ka geet ... lajawab ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति|
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें|
sundar abhivyakti
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है ..बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबंसत, आ, पूरी तैयारी है,
जवाब देंहटाएंस्वागत शब्द सँवारी है,
सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंजीवंत चित्रण ..
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है...
जवाब देंहटाएंमन प्रफुल्लित हो गया..
वसंत पर बहुत भावपूर्ण रचना |
जवाब देंहटाएंआशा
माँ की हर रचना मन को सुकून देती है ..बहुत सुन्दर और भाव लिए बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंअति सुंदर साधना जी। माँ के सृजन को नमन !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव...बेहतरीन रचना...
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