मंगलवार, 2 अक्टूबर 2012

शतश: प्रणाम



ओ आज़ादी के दीवानों, ओ स्वातंत्र्य युद्ध के वीरों ,
ओ रणचण्डी के खप्पर को भरने वाले रणवीरों ! 

देकर  तन मन धन की आहुति जीवन यज्ञ रचाने वालों,
अपने दृढ़ निश्चय के दीपक , जला पंथ दिखलाने वालों ! 

बने  नींव के पत्थर पल क्षण , अपनी भेंट चढ़ाने वालों ,
विजय दुर्ग की प्राचीरों को , दृढ़ करने वाले मतवालों ! 

ओ भारत के कोहिनूर , गाँधी बाबा तुमको प्रणाम ,
ओ  अमर शहीदों भक्तिपूर्ण तुमको प्रणाम शतश: प्रणाम ! 



किरण