रविवार, 29 अप्रैल 2012

परियों का प्यार

स्वर्गलोक से परियाँ आयीं किरण नसैनी से होकर ,
नन्हे पौधों को नहलाया ओस परी ने खुश होकर ! 

फूलपरी ने आ उन सबका फूलों से श्रृंगार किया ,
सोई  कली जगाईं, पलकें चूम बहुत सा प्यार दिया ! 

फिर  सुगंध की परियाँ कलसे भर-भर कर पराग लाईं ,
नन्हे पौधों को सौरभ की भर-भर प्याली पकड़ाईं !    

देख सूर्य का तेज लाज से सकुचा कर सब भाग गईं ,
खेल  खेलने फूलों के संग तितली भँवरे चले कई !

बच्चों पौधों जैसे यदि उपकारी तुम बन जाओगे ,
वीर जवाहर, बापू से बन जग में नाम कमाओगे ! 

तो यह ही सब परियाँ आकर तुम पर प्यार लुटायेंगी ,
जग में फूलों की सुगंध सी कीर्ति तुम्हारी गायेंगी ! 

नाम तुम्हारा अमर रहेगा सब तुमको दुलरायेंगे ,
'ये हैं सच्चे लाल हिंद के' , कह जन मन सुख पायेंगे ! 


किरण







सोमवार, 23 अप्रैल 2012

न खुशियों में हो मस्त तुम













कुछ बहारों ने आकर चमन से कहा ,
यूँ न फूलो न खुशियों में हो मस्त तुम!

हमने माना खिले गुल हर इक शाख पर
हर कली झूमती , मस्त है ज़िंदगी ,
बुलबुलें गा रहीं गीत मस्ती भरे
कर रहीं तितलियाँ झुक तुम्हें बंदगी !

चार दिन को मिली ताज़गी जो तुम्हें
कुछ करो, दूसरों की भलाई करो ,
छोड़ दो तुम गरूर और झूठी हया
गर मरो तो शहीदों की मानिंद मरो !

मुस्कुराता  समाँ रह न पायेगा फिर
फिर न बुलबुल तराने सुना पायेगा ,
जब उजड़ जायेगा वह नशेमन, न फिर
वह खुशी के तराने सुना पायेगा !

इसलिये याद रक्खो अरे गुलिस्ताँ
दूसरों के लिये मत रहो मस्त तुम ,
कुछ बहारों ने आकर चमन से कहा
यूँ न फूलो न खुशियों में हो मस्त तुम !


किरण





रविवार, 15 अप्रैल 2012

जहाँ से चले थे

जहाँ से चले थे वहीं जा रहे हैं ,
न पूछो कि क्या-क्या लिये जा रहे हैं !

किसीकी खुशी का लुटा कारवाँ है ,
किसीके चमन पर बरसती खिज़ाँ है ,
ये दिल बेबसी से सिये जा रहे हैं ,
न पूछो कि क्या-क्या लिये जा रहे हैं !

यहाँ गम के नगमें सुनाएँ किसे हम ,
तड़पता हुआ दिल दिखायें किसे हम ,
हम आँखों के आँसू पिये जा रहे हैं ,
न पूछो कि क्या-क्या लिये जा रहे हैं !

किसीकी निगाहों में बेकार हैं हम ,
किसीकी तमन्ना से बेज़ार हैं हम ,
सिसकते हुए भी जिए जा रहे हैं ,
न पूछो कि क्या-क्या लिये जा रहे हैं !

मचलते रहें यूँ ना अरमाँ किसीके ,
बिखरते फिरें यूँ ना सामाँ किसीके ,
जियें वो दुआ हम दिये जा रहे हैं ,
न पूछो कि क्या-क्या लिये जा रहे हैं !


किरण