tag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post8516475371436213848..comments2023-10-26T16:57:45.800+05:30Comments on Unmanaa: क्षणिकायें - ३Sadhana Vaidhttp://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-70233030453911158862011-03-26T20:29:13.874+05:302011-03-26T20:29:13.874+05:30देखता है भ्रमर खिलते फूल की हँसती जवानी ,
युगल तट ...देखता है भ्रमर खिलते फूल की हँसती जवानी ,<br />युगल तट को सरित देती धवल रज कण की निशानी ,<br /><b>प्रेम का प्रतिदान पाना अमर फल सा है असंभव ,</b><br />आश तृष्णा मात्र है , विश्वास भूले की कहानी !<br /><br />आपके कलाम से एक गहरा तजर्बा और सच्ची बात ज़ाहिर हो रही है।<br />लेकिन...<br />एक बात कहना चाहता हूं एक दूसरी क्षणिका के बारे में<br />कि प्रभु दयावान है लेकिन इंसान ही पाषाण हृदय हो चुका है कि उसके दिखाए मार्ग पर नहीं चलता और जब इंसान सच पर न चलेगा तो अनिवार्य कि वह छल में जिएगा और छल में मरेगा। सच को पाने के लिए इंसान को निश्छल होना पड़ेगा। दोष खुद में है, हमें यह मानना चाहिए और कहना चाहिए कि प्रभु सदा करूणाशील और पवित्र है। सच भी यही है।<br />साधना जी ! आज आप भी ‘प्यारी माँ‘ के खि़दमतगारों में शामिल हो गई हैं। आपका नाम भी आज से इस ब्लॉग पर चमकेगा और हमें आपकी बेहतरीन रचनाएं पढ़ने को मिलेंगी। यह हमारे लिए बेहद ख़ुशी की बात है।<br />हम आपका तहे दिल से स्वागत करते हैं।<br />सुस्वागतम् !<br />खुश आमदीद !!<br /><br /><a href="http://pyarimaan.blogspot.com/2011/03/mother-urdu-poetry-part-2.html?showComment=1301150708183#c805627426092504276" rel="nofollow">http://pyarimaan.blogspot.com/2011/03/mother-urdu-poetry-part-2.html?showComment=1301150708183#c805627426092504276</a>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-31044384488819480122011-03-26T11:45:58.807+05:302011-03-26T11:45:58.807+05:30लाज का बंधन नयन कब मानते हैं ,
स्नेह की ही साधना स...लाज का बंधन नयन कब मानते हैं ,<br />स्नेह की ही साधना सच जानते हैं ,<br />वे सदय हों या कि निष्ठुर कौन जाने ,<br />ये मधुर उस मूर्ति को पहचानते हैं !<br /><br />सारे मुक्तक बहुत सुन्दर ...यह वाला बहुत पसंद आया ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-55075469635917825682011-03-26T00:21:29.523+05:302011-03-26T00:21:29.523+05:30लाज का बंधन नयन कब मानते हैं ,
स्नेह की ही साधना स...लाज का बंधन नयन कब मानते हैं ,<br />स्नेह की ही साधना सच जानते हैं ,<br />वे सदय हों या कि निष्ठुर कौन जाने ,<br />ये मधुर उस मूर्ति को पहचानते हैं !<br /><br />सारी रचनाएं ही भाव पूर्ण हैं..<br />किसका उल्लेख करूँ और किसको छोडूं !<br />बस ! उत्तम के अतिरिक्त दूसरे कोई शब्द नहीं हैं...***Punam***https://www.blogger.com/profile/01924785129940767667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-80221844799844787842011-03-25T21:40:05.144+05:302011-03-25T21:40:05.144+05:30बहुत सुंदर क्षणिकाएं मन भावन , धन्यवादबहुत सुंदर क्षणिकाएं मन भावन , धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-17274526652458486032011-03-25T20:21:41.432+05:302011-03-25T20:21:41.432+05:30बेहद शानदार क्षणिकायें।बेहद शानदार क्षणिकायें।Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-31828873849226665552011-03-25T17:59:49.485+05:302011-03-25T17:59:49.485+05:30सबी क्षणिकाएँ बहुत सुन्दर हैं!सबी क्षणिकाएँ बहुत सुन्दर हैं!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-13561768438295975052011-03-25T16:54:22.078+05:302011-03-25T16:54:22.078+05:30बहुत अच्छी क्षणिकाये |बहुत अच्छी क्षणिकाये |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-65294900865377414082011-03-25T15:02:26.109+05:302011-03-25T15:02:26.109+05:30हृदय की कथा नयन कह भी न पाये ,
रहे छलछलाए , व्यथा ...हृदय की कथा नयन कह भी न पाये ,<br />रहे छलछलाए , व्यथा सह न पाये ,<br />हुई मूक वाणी विदा के क्षणों में ,<br />वे रुक ना सके , पैर बढ़ भी न पाये !<br /><br />सभी बहुत मर्मस्पर्शी...बहुत भावपूर्णKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-2495458334041803942011-03-25T14:26:39.648+05:302011-03-25T14:26:39.648+05:30छन्दों का अपना अलग आनंद है और इस आनंद कीअणुभूति आप...छन्दों का अपना अलग आनंद है और इस आनंद कीअणुभूति आपकी क्षणिकाओं मे मिलीकंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-26527580794744481202011-03-25T14:22:56.261+05:302011-03-25T14:22:56.261+05:30मन को छूती क्षनिकाए |बहुत सुंदर भाव
आशामन को छूती क्षनिकाए |बहुत सुंदर भाव <br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-28390215490386236762011-03-25T13:51:58.281+05:302011-03-25T13:51:58.281+05:30प्रभु हुए पाषाण तो फिर छा गया छल भी !
..............प्रभु हुए पाषाण तो फिर छा गया छल भी ! <br />............................<br />प्रभु पाषण नहीं हुए है..पाषण को आस्था ने प्रभु बना दिया है..<br />तो प्रभु तो हमारी आस्था में ही है ..मूक नहीं हो सकते ...<br />हाँ हम समझने में कही पीछे रह जातें है..<br />सभी क्षणिकाएं सुन्दर हैंआशुतोष की कलमhttps://www.blogger.com/profile/05182428076588668769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-77355458275429329892011-03-25T13:27:45.231+05:302011-03-25T13:27:45.231+05:30जा रहा इस सृष्टि से विश्वास का बल भी ,
छिन रहा इस ...जा रहा इस सृष्टि से विश्वास का बल भी ,<br />छिन रहा इस अवनि से अब स्नेह संबल भी ,<br />लुट रहा है आज प्राणी सब तरह बिलकुल ,<br />प्रभु हुए पाषाण तो फिर छा गया छल भी !<br /><br />सारी क्षणिकाएं एक से बढ़कर एक हैंrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-33123135448129969982011-03-25T13:04:03.637+05:302011-03-25T13:04:03.637+05:30बहुत सुंदर क्षणिकाएं -बहुत सुंदर क्षणिकाएं -Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-79599976975256811062011-03-25T11:57:16.840+05:302011-03-25T11:57:16.840+05:30सभी क्षणिकाएँ कमाल की हैं!सभी क्षणिकाएँ कमाल की हैं!संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-76144154789868342452011-03-25T10:59:28.044+05:302011-03-25T10:59:28.044+05:30बेहद शानदार क्षणिकायें।बेहद शानदार क्षणिकायें।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-73197601609113734882011-03-25T10:55:15.440+05:302011-03-25T10:55:15.440+05:30जा रहा इस सृष्टि से विश्वास का बल भी ,
छिन रहा इस ...जा रहा इस सृष्टि से विश्वास का बल भी ,<br />छिन रहा इस अवनि से अब स्नेह संबल भी ,<br />लुट रहा है आज प्राणी सब तरह बिलकुल ,<br />प्रभु हुए पाषाण तो फिर छा गया छल भी ! <br />prabhu pashaan nahi hote, unhen bana diya jata haiरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-56838055356433651532011-03-25T09:39:48.232+05:302011-03-25T09:39:48.232+05:30लाज का बंधन नयन कब मानते हैं ,
स्नेह की ही साधना स...लाज का बंधन नयन कब मानते हैं ,<br />स्नेह की ही साधना सच जानते हैं ,<br />वे सदय हों या कि निष्ठुर कौन जाने ,<br />ये मधुर उस मूर्ति को पहचानते हैं !<br /><br />saare ek se badh kar ek..:)मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.com