tag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post1243965604969575245..comments2023-10-26T16:57:45.800+05:30Comments on Unmanaa: दो बूँदSadhana Vaidhttp://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-38467861326858037062010-07-01T15:49:47.188+05:302010-07-01T15:49:47.188+05:30मेरी पीड़ा के सहचर या तो गाथा कह जाओ,
या संग में अप...मेरी पीड़ा के सहचर या तो गाथा कह जाओ,<br />या संग में अपने ही तुम उसे बहा ले जाओ <br /><br />बहुत खुबसूरत रचना ....Shayar Ashok : Assistant manager (Central Bank)https://www.blogger.com/profile/14269190208303983206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-24182566649199642242010-06-30T15:18:03.222+05:302010-06-30T15:18:03.222+05:30दावा बन ह्रदय जलाया अब बन कर जल नयनों से,
छल छल कर...दावा बन ह्रदय जलाया अब बन कर जल नयनों से,<br />छल छल कर कथा व्यथा की कह रहे मौन नयनों से !<br />बहुत ही भावुक और संवेदनशील रचना...rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-48137951059665351652010-06-29T11:22:24.433+05:302010-06-29T11:22:24.433+05:30मेरी पीड़ा के सहचर या तो गाथा कह जाओ,
या संग में अप...मेरी पीड़ा के सहचर या तो गाथा कह जाओ,<br />या संग में अपने ही तुम उसे बहा ले जाओ ! <br />Peedaa kee tees zabardast hai...har shabd me masoos hotee hai..aapkee rachnayen waqayi behad sashakt hoti hain.kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-79380289657452364832010-06-29T10:33:35.484+05:302010-06-29T10:33:35.484+05:30हैं ये करुणा के द्योतक या ज्वाला की चिन्गारी,
या ज...हैं ये करुणा के द्योतक या ज्वाला की चिन्गारी,<br />या जगती का जीवन है नयनों का पानी खारी !<br /><br />दावा बन ह्रदय जलाया अब बन कर जल नयनों से,<br />छल छल कर कथा व्यथा की कह रहे मौन नयनों से !<br />साधना जी बहुत भावमय है आपकी रचना बधाईनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-15128651438777308792010-06-29T10:02:12.382+05:302010-06-29T10:02:12.382+05:30ओ दृगजल के दो बिन्दू कुछ तो बतलाते जाओ,
क्या भेद भ...ओ दृगजल के दो बिन्दू कुछ तो बतलाते जाओ,<br />क्या भेद भरा है तुममें यह तो समझाते जाओ !<br /><br />किरण जी की कविताओं में एक अलग ही आनंद है...कविताओं के साथ स्वयं को बहता हुआ महसूस होता है ....सुन्दर कृतिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1818568092673226678.post-59245134807085908822010-06-29T09:40:17.965+05:302010-06-29T09:40:17.965+05:30मेरी पीड़ा के सहचर
या तो गाथा कह जाओ
या संग बहा ले ...मेरी पीड़ा के सहचर<br />या तो गाथा कह जाओ<br />या संग बहा ले जाओ ...<br />वाह !<br />मौन व्यथा नैनो की पीड़ छलक कर आंसुओं में सीधे दिल तक पहुँच रही है ...<br />आह !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/10839893825216031973noreply@blogger.com